खुश रहने के लिए खुशी बाटें....


कुदरत ने सारी दुनिया में हमे भी बनाया हैं।कोई कुदरत को भगवान या खुदा कहते हैं।आज कल हमारा जीवन पंखी की तरफ हो गया हैं।

आज भागदौड़ वाली जीवन शैलीमें सबसे अधिक अगर कोई अस्थिर हैं तो वो हम हैं।मनुष्य एक मात्र ऐसा जीव हैं,जो अपने लिए ही अपनो से दूर होता हैं।कोई काम या कोई व्यवस्था के कारण मनुष्य भागता रहता हैं।ये फोटोग्राफ किसी सिटी से लिया गया हैं।सुबह सुबह का समय हैं,फिरभी कितने सारे लोग अपने काम से या काम से वो निकले हैं।क्यो इतने सुबह में काम के लिए हमे निकलना पड़ता हैं।

कोई शांति के लिए जल्द निकलता हैं।कोई अशांति को पाने के लिए नहीं निकलता।अपने तय किये काम और आगेका जीवन व्यतीत करने के लिए निकलना पड़ता हैं।

जब अच्छे काम के लिए हम रातभर जागते हैं उसे जागरण कहते हैं।मगर कुछ तकलीफ,दुःख या अन्य बातों के लिए अगर हम जागते है तो हम उसे जागरण नहीं कहते।हमे अपने कर्म पे भरोसा रखना हैं,की हम अपने जीवन में शांति बनाए रखेंगे।शांति से ही समृद्धि प्राप्त होती हैं।

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मुजे शांति चाहिए।
मुजे सुख चाहिए।
अब आप इसके लिए किसी ओर को शांति और सुख देनेका प्रयत्न करें।

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