अगला कदम...


में एक एक करके कदम बढ़ा रहा हूँ।मुजे मेरी जिंदगी को खुशनुमा करना हैं।मेने ऐसे कई सारे कदम बढ़ाए हैं।जैसे एक व्यापारी को अपने बिजनेस में हर बार सोच सम्भल के काम लेना होता हैं।उसकी एक गलती उसे बर्बाद कर सकती हैं।कुछ बोली हुई बाते हमे हमारा भविष्य दिखाती हैं।हमारा भविष्य संवारती हैं।

ज्यादातर लोग 3 जगह अपनी बात रखते हैं।

1.भगवान के सामने...
2. साथी या मित्र के सामने...
3.अपने आप के ओर अपनो के सामने...

कोई जुठ बोले या सच।भगवान को ओर उस व्यक्तिको ही मालूम होता हैं कि वो क्या बोल रहे हैं।वो  क्या कहते हैं।

कृष्ण भगवान ने गीता में कहा हैं कि अगर अच्छा करने के लिए कुछ गलत करना हैं तो वो गलत भी अच्छा हैं।अगर कुछ अच्छा करने के लिए दाग लगते हैं तो दाग अच्छे हैं।अगर इन दोनों बातो को देख ओर समजा जगये तो मालूम होगा कि अच्छा करने के लिए कुछ हुआ हैं तो वो अच्छा हैं।

आज मेरे साथ कुछ ऐसा ही हो रहा हैं।कुछ कदम मेने ऐसे उठाये हैं जो मुजे बहोत करीब से जानने वालोंको ही मालूम हैं।ये कदम ऐसे हैं जिससे में अपनी जिंदगी को बहेतरीन बनाना चाहूंगा।मेरा जीवन सुखमय होगा।मगर सवाल ये भी होगा कि वो बहेतरीन पल कब आएगा।

मेने कुछ समय पहले एक कदम बढ़ाया था।वो बहेतरीन था।मैंने महसूस किया हैं।मेरे कदम लड़खड़ाए होंगे ,मगर में कभी गिरा नहीं हूं।

जिंदगी से हमारी एक ही ख्वाहिश होनी चाहिए कि मेरा अगला कदम मेरे पिछले कदम से बहेतरीन हो।मेरे आसपास जुड़े ऐसे कुछ चंद लोग हैं जो मुजे एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं की में जो चाहूंगा,में जो कहूंगा उसे करने के लिए महेनत करूँगा ओर से पूरा करूँगा।आज तक मे ऐसा कर पाया हूँ।अब आगे भी करने की चाह में में एक नया कदम लेने जा रहा हु।

मुजे यकीन हैं कि वो में कर पाऊंगा।में मेरे साथी, मातापिता ओर भगवान को कहना चाहूंगा कि आप मेरे इस कदम में मेरा साथ दे।जब तक मे इस व्यसन के चुंगल से सम्पूर्ण नहीं निकल पाऊंगा तब तक में चेन नहीं लूंगा।मेरा अगला कदम ये हैं कि तम्बाकू चबाने की आदत को छोड़ ने के बाद मुजे कोई तकलीफ न हुई।हो सकता हैं में तपकिर या तम्बाकू का पाउडर मंजन में इस्तमाल करता था।सो शायद मुजे इसकी आदत या तम्बाकू चबाने की आवश्यकता नहीं आती थी।

हुआ ये की 25 से 27 तारीख के बीच मुजे कहि पे रहना था।में तपकिर लेना भूल गया था।आज से 20 साल पहले जब मुजे दिमाग से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था,तब से में तम्बाकू चबाना या तपकिर का मंजन दांतो पे करता था।हुआ ये की मेरी बीमारी के कारण में घर से निकल नहीं पाता था।मेरे परिवार के सदस्य और साथी जब मुजे मिलने आते तब मेरे लिए वो पान,मसाला या गुटखा लेकर आते थे।
घर बैठे कभी स्टॉक खत्म नहीं हुआ।उस वख्त से मैने गुटखा खाना शुरू किया।20 साल तक खाने के बाद मेने तम्बाकू चबाना छोड़ दिया।

अब फिर से...
25 से 27 के बीच तपकिर न होने के कारण में बेचैन था।मेरा पूरा शरीर जैसे टूट रहा था।में जिस काम में जुड़ा था वहाँ परेश दलसनिया भी थे।उन्हों ने मुजे बाहर बुलाया और कहा 'तुम आज अच्छा नहीं कर पा रहे हो।कोई समस्या हैं।हमारी बाते सुनकर मेरे एक दोस्त राकेश पटेल भी बाहर आये।उन्होंने भी मुजे ऐसी बात कहीं।मेने कहा यार  तपकिर नहीं होने की बजह से में अच्छा महसूस नहीं कर सकता हूँ।राकेश ने मुजे धीरेसे चैनी दी साथ में कहा 'आज जो काम हम कर रहे हैं,उसमें तुम्हारा जुड़ना आवश्यक हैं...।'
बस...
मेंने चैनी अपने मुहमें रखी और काम खत्म करने में जुड़ गया।काम भी हुआ मगर मुजे मेरी गलती का अहसास हूआ।मेने तपकिर न होने की बजह से ये किया वो गलत था।मेरी गलती के बात में मुजे दुख हुआ।

काम खत्म करते हुए में घर की ओर जा रहा था।मुजे दुख था कि में कुछ गलत किया हैं।मुजे आज तक ये था कि अब में तम्बाकू नहीं चबाता हुन,मुजे उसकी आवश्यकता नहीं हैं।मगर आज भी मुजे निकोटिन चाहिए वो आज के दिन से तय हो गया था।में ग़ुस्सेमें था।मुजे इस चुंगल से निकलना हैं,में निकलना चाहता हूं।मुजे जिस काम के लिए आगे बढ़ना हैं,उसमें मुजे ये बाते परेशान कर रही हैं।

मेने रास्ते में से डॉ की एपोइंटमेन्ट ली।साथियो में मेरे जीवन में अगला कदम तय कर चुका हूं।मुजे आशा हैं कि मुजे आप सहयोग करेंगे। आज में तम्बाकू से हारा हूं।मुजे हारना पसंद नहीं हैं।अब में उसे जितने के लिए आगे बढ़ चुका हूं।और में प्रार्थना करता हूँ कि ....बस,मेरा अगला कदम पिछले से बहेतरीन हो।

@#@
आज तक में हारा नहीं।
आज तक में रुका नहीं।
आज तक में कहीं ठहरा नहीं।
क्यो की मेरे कदम चलते हैं,चलते रहेंगे।मुजे यकीन हैं मेरे अगला कदम बहेतरीन होगा।

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