छोकु:दीकू
समान होता हैं,समान नहीं हैं तो समस्या हैं।कुदरती या कृत्रिम किसी भी व्यवस्था में सेम सिस्टम काम करता हैं।कॉम्युटर जहाँ से शुरू होता हैं,वहीं पे खत्म होता हैं।वैसेही जीवन जब शुरू होता हैं,वहीं से वो खत्म भी होता हैं।
जब बच्चा पैदा होता हैं।तबसे कुछ साल उसे प्रत्येक कार्यमें किसी की सहायता चाहिए होती हैं।वैसे ही जब व्यक्ति वृद्ध होता हैं,आखिरी दिनों में उसे भी हर काम के लिए सहायक की आवश्यकता होती हैं।छोटा बच्चा अपने आप खाना नहीं खा सकता।वैसे ही वयस्क की भी यही समस्या हैं।
शुरू से अंत तक कि जो दौड़ हैं, उसमें हमने जो सजाया हैं,संवारा हैं या प्राप्त किया हैं उसी के आधार पर हमारे आखरी दिन खत्म होते हैं।
क्या हमने हमारे जीवन के बीच में मुसफरी करते समय ऐसे काम किये हैं जिससे अपना अंत शांति से हो।जीवन में व्यक्ति को हंसना सीखना पड़ता हैं,रोता तो तब भी हैं जब वो पैदा होता हैं।अगर हम पैदा हुए तब रोये थे,बाकी के सभी खुश थे।जब हम मरेंगे तो हम खुश होगे और बाकी के रोयेंगे।
अब बताइए...
हमने ये सोचा कि हम हंसते हंसते जीवन जिएंगे ओर इसे हंसते हंसते खत्म करेंगे।मगर रूल्स ऐसा हैं कि आप रोते हुए आये थे,सो आपका रोते हुए जाना तय हैं।मगर वो रोना अंतिम दिनों में न होते हुए,बीच में खत्म हो जाये वो हमारे हाथमें हैं।अब हमें ये देखना हैं कि हम कब रोयेंगे।हमे क्यो रोना आता हैं।क्या इस रोने को हम रोक नहीं सकते।रोने को रोकने के लिए हमे क्या करना पड़ेगा।इस सवालों के जवाब ही हमे शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए रास्ता दिखायेगा।
मेने जो तय किया,में उसे खत्म करता हूँ।उस के लिए मुजे जो करना हैं में करूँगा।हसूंगा, रोऊंगा किसी को हसाउंगा या रुलाऊंगा।मगर जो तय हैं,उसे पूर्ण करूँगा।आज परशुराम जयंती हैं।अक्षय तृतीया हैं।दो अच्छे दिनोंका आज संगम हैं।वैसा ही संगम हमारे जिंदगी में आये और हम शांति से जीवन पसर करे वैसी प्रार्थना करते हुए आज तय करना चाहता हूं कि में ख़ुशी से अपना जीवन जी रहा हूँ और उसे पूर्ण करूँगा।में हंसते हुए मरूँगा,मेरे पीछे जो रोयेंगे वैसा ही अंत उनका होगा।जो मेरे पीछे हसेंगे उनके पीछे उनके बाद उनके निधन के बाद लोग हसेंगे। यहाँ हसने का मतलब हैं याद करना।अच्छे केंलिएबयाद करना। जो मेरे पीछे रोयेंगे,उनके पीछे भी कोई रोयेगा।जहां से स्टार्ट हुआ,वहीं खत्म होगा।
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दो शब्द हैं।
किसी कहानी में थे।
एक छोकु ओर दूसरा दिकू।
छोकु का मतलब अगर शुरुआत है तो दिकुका अर्थ अंत हैं।हम छोकु से शुरू करके अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए जिम्मेदारी ओर हुकुम को मानते हुए दिकू तक पहुंचना हैं।सो...आज के पावन अवसर पर आपको छोकु दिकू की शुभकामना।
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