EVS ट्रेनिंग

रायखड़।
मुजे पसंद भी हैं।
मुजे उस का डर भी हैं।
पसंद इस लिए हैं कि में रायखड़ में पढ़ा हूँ।मेने वहां से शिक्षक बनने की तालीम प्राप्त की हैं।मेने PR(प्रेमचंद रायचंद) अध्यापन मंदिर में PTC की हैं।मेरे दादा ओर स्वतंत्र सेनानी पूनमचंद पंड्या भी यहाँ पढ़े थे।उन्होंने भी शिक्षक बनने की तालीम यहां से प्राप्त की थी।

रायखड ना पसंद इस लिए हैं कि में वहां पढ़ता था,तब बीमार हुआ था।उस बीमारी ने मुजे बहोत कुछ दीया हैं,बहोत कुछ छीना भी हैं।बहोतो को मैने पाया हैं,ओर बहोतो को खोयभी हैं।
में जब बीमार हुआ तब मेरी याददाश्त कम हो चूकीथी।समजीए कि में मेंटली रिटायर हो चुका था।मुजे उस वख्त सहाय करने वाले सभीको में आज याद करता हु,अरे...मेरे जीवन को में उन्हें अर्पण करता हु।कुछ बुरा भी उनसे हो जाय तो में उस में गलती नहीं देखता।नाही मुजे नजर आती हैं।मेने वहां स्व.बिरादर सुबोध महेता के साथ रहा।किसी भी परिस्थिति में अपनी सोच,विचार और असूलों को न बदलने का मेने उनसे सीखा हैं।मेरे जीवन के आज में रायखड़ के दो साल भी शामिल हैं।वो दो साल जो आज मुजे हररोज काम में सामने आते हैं।
जो भी मिले खाना...कहीं भी  नींद लेना...स्वच्छ मगर सिंपल कपड़े पहनना ओर कभी नहीं थकना...ये सारी बाते मेने सुबोध महेता से सीखी हैं।मुजे एक साथ फिरसे कक्षा एक से सात का पाठ्यक्रम सीखने वाली मेरी माँ(जो मेरी प्रारंभिक कक्षा में शिक्षक थी)वो मेरी शिक्षिका थी।मेने उनसे पढ़ाई की हैं।सभी बच्चे उन्हें टीचर होने की बजह से बेन कहते थे।में आज भी उन्हें बहन कहता हूं।जिन्हें में आज भी बेन' कहता हूं।में उन्हें मम्मी कहूंगा तो वो शायद सुनेगी भी नहीं,की में उन्हें बुला रहा हूँ।
उन्हों ने मुजे फिरसे एक साल में कक्षा एक से सात का पाठ्यक्रम सिखाया ओर आज में कक्षा एक से सात में बहोत करीब से मेरी समझ हैं।कक्षा एक से 5 तो आज मुजे कंठस्थ हैं।आज एक से दस तक कि किताबो में मैने लेखक या कन्वीनर की जिम्मेदारी निभाई हैं,क्यो की मेने एक साल में उसे एक साथ समजा हैं।

अब आगे...

कुछ दिन पहले मेरा रायखड़ जाना हुआ।कक्षा 3 के पर्यावरण विषय के KRP की तालीम में वहां जाना हुआ।मेरे साथ मेरी पूरी टीम भी थी।सारे गुजरात से 121 से अधिक एक्सपर्ट यहाँ तालीम में आये थे।

रोज श्याम को हम रिसोर्स पर्सन एक बैठक कर्तव्य ओर प्लान करते और गलतियों को सुधारते।हमारी टीम के सदस्य कमलेश पटेल ने हमारा एक ग्रुप फोटो लिया।

ये सारे दोस्तो की पिछले 1 महीने की महेनत रंग लाई।अच्छे तरीके से तालीम का समापन हुआ।मेरे साथी सर्व श्री जयेश पटेल(बनासकांठा),श्री मनन बुद्धदेव(मोरबी)श्री तरुण काट बामना)श्री प्रवीण पटेल(बनासकांठा)श्री जशुभाई पटेल(साबरकांठा)श्री कमलेश पटेल जिन्होंने ये फोटो लिया हैं।जो साबरकांठा से हैं।श्री अशोक मकवाणा(पाटन)श्री हेमंत वाघेला(अमदावाद)श्री हरिभाई पटेल(रवद,पाटन) ओर श्री अश्विन नकुम(गिर सोमनाथ) की टीम ने महेनत की ओर एक अच्छे माहौल वाली तालीम हम करपाये।GCERT से श्री नरेन्द्रभाई रावल  ओर श्री अखिलेश ठाकर भी विशेष अवस्थित रहे थे,उन्होंने सभी को सहयोग देते हुए कार्यमें मार्गदर्शन दीया।DIET अमदावाद ग्राम्य के प्राचार्य सु.श्री आशाबेन बालासर ओर श्री छिपा सर ने विशेष आयोजन में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।

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करना था,सो हो पाया।
करना हैं, वो करके रहेंगे।

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