रूरल फेस्ट...
आज के दिन शिक्षा से जुड़ी संस्थाए भी नवाचार के प्रति जागृत हुई हैं।दिनांक 4 एवं 5 मार्च के दौरान ईडर में भी ऐसा कुछ होगा।बच्चो के नव विचारों को खोजने का इर फैलाने का काम यहाँ हो रहा हैं।आज के दौर में समस्याओ के सामने उसके समाधान ओर खोज के लिए ये महत्वपूर्ण है।
इस फेस्टिवलमें जो बच्चे आएंगे उनके विचार प्रदर्शित करेंगे उनको इजनेर या संशोधकों से मिलवाया जाएगा।टेक्नोकोजी या ऐसी कोई व्यवस्था के सामने उन्होंने जो काम किया है उसे स्थानीय क्षेत्रमें इस्तमाल करने का ओर परखनेका उन्हें मौका भी मिलता हैं।
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मुजे जब भी मौका मिला हैं,मेने कहा हैं।
अगर भावेश नामक लड़के की उम्र 5 साल हैं,उसे दाढ़ी मुछ नहीं हैं तो कोई बात नहीं।मगर वो ही भावेश जब 20 सालका होगा और उसे मुछे नहीं हैं तो सबसे बड़ी समस्या हैं।
Innovation में भी ऐसा ही हैं।पहले आवश्यकता नहीं थी या कम जरूरत थी,आज उसके बगैर नहीं चलेगा।
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