मम्मी पापा...

मेरे पापा... वाह रे वाह...!
मेरी मम्मी... वाह रे वाह...!
पापा मम्मी वाह वाह वाह...!
मम्मी पापा वाह वाह वाह वाह...!

एक छोटासा गाना, छोटे बच्चों का गाना।मेरा गाना हैं,मेने लिखा हैं।बहोत बार मेने गाया हैं,बहोत बार गाते हुए सुना हैं।

ये दो ऐसे तीर्थ स्थान हैं,की हमे कहीं यात्रा करने की आवश्यकता नहीं हैं।पहले किसी कक्षा में एक इकाई थी।शंकर,पार्वती बैठे थे।उन्हों ने गणेश और कार्तिकेय को विश्व के सभी पवित्र स्थानों की प्रदक्षिणा कण्व को कहा।
हुआ ये की कार्तिकेय निकल गए,गणेश जी नहीं जा पाए।उन्हों ने शंकर ओर पार्वती को बिठाकर उनकी प्रदक्षिणा करली।शंकर भगवान ये देखकर खुश हुए।
में भी यही कहना चाहता हूं।मेरी भी सोच यही हैं।पोस्टर में आप देख रहे हैं कि माता पिता बच्चे की सहाय कर रहे हैं।सामने ही एक बच्चा बैठा हैं।वो शायद अनाथ हैं।बाजू में लिखी लाइन को में फिरसे नहीं लिखूंगा।आप भी समझदार हैं।

@#@
मा बाप स्वर्ग नहीं,स्वर्ग से अधिक हैं।

Comments

Popular posts from this blog

ગમતી નિશાળ:અનોખી શાળા.

નીલમનો ઝભ્ભો

ન્યાયાધીશ અને માસ્તર