Jack ओर अलीबाबा...


व्यक्ति अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकता।आज हम ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बात करेंगे।उनका नाम हैं 'Jack ma।'उनका जन्म 10 सितंबर 1964 में चीन में हुआ था।उनका बचपन  उनका बहोत गरीबी में व्यतीत हुआ।उनका बचपन बहोत संघर्षो से गुजरा था। उनकी उम्र सिर्फ 13 साल की थी।इतनी छोटी उम्र में उन्होंने अपने आप से अंग्रेजी भाषा सीखने की शुरुआत की। आज भी चीन की प्रमुख भाषा चाइनीज हैं।उस समय भी चीन की प्रमुख भाषा चाइनीज थी। अंग्रेजी सीखने के लिए उन्होंने  किसी व्यक्ति का सहारा नही लिया,उन्होंने टूरिस्ट गाइड बन कर अपने आप से अंग्रेजी सीखना ओर बोलना शुरू किया। टूरिस्ट्स के साथ वो अंग्रेजी भाषा में ही बाते कर ते थे। अंग्रेजी सीखने के लिए उन्होंने ये काम किया।उन्होंने 22 साल की आयु तक टूरिस्ट गाइड का काम किया।
हम जिनके बारे में चर्चा करते हैं।सारी दुनिया जिन्हें Jack के नाम से जानते हैं उनका  सही नाम Ma-y-n है। जब वो टूरिस्ट गाइड का काम करते थे तभी एक विदेशी व्यक्ति से उनकी गहरी मित्रता हुई थी।उस मित्र ने उन्हें अपने देशमें जाकर एक खत लिखा।उस खत में उस विदेशी मित्र ने उनका नाम jack लिखा था।वो उन्हें Jac के नाम से ही बुलाते थे।
बचपन से उनका पढ़ाई में मन नही लगता था। कहते हैं न कि विफलता से ही व्यक्ति सीखता हैं।jac 4थी कक्षा में 2 बार , 8वी कक्षा में 3 बार फेल हो गए।अरे... ग्रेज्युएशन में भी वो 5 बार असफल रहे थे।बचपन से वो सिर्फ असफलता के बारे में ही सोच रहे थे।उन्होंने असफलता ही देखी थी।
अपने परिवार के निभाव के लिए उन्होंने कही जगह पे नोकरी के लिए आवेदन देते रहे,मगर असफल रहे। हर बार उनके हाथों में उन्हें निराशा ही मिलती रही।

वो अपने उस दोस्त को मिलने के लिए अमेरिका गए।अपने जीवन में उन्होंने  वहां पहली बार इंटरनेट देखा।उन्होंने इसे पहले कभी भी इंटरनेट नही देखा नहीं चलाया था। पहलीबार इंटरनेट पे उन्होंने  Beer शब्द को खोजा।नेट के माध्यम से सर्च करने में उन्हें कई सारे देशो से जानकारी मिली।उन्होंने देखा कि दिखाए जाने वाली जानकारी में चीन का नाम कही भी नहीं मिला।आप को ये जान के हैरानी होगी कि पहले से चीन में साम्यवादी साशन हैं।साम्यवादी लोग भगवान में नहीं मानते या कम मानते हैं।अर्थव्यवस्था में चीन हमारे पश्चिमी देशों का विरोधी हैं।वो नेट के इस्तेमाल को सहज नहीं मानते हैं।उस वख्त चीन के बारे में सामान्य जानकारी खोज ने की कोशिश की वो जानकारी नही मिली तब से उन्होंने इस के बारे में सोचना शुरू किया।

उन्होंने अपने देश को इंटरनेट से जोड़ने का ठान लिया। उन्होंने छोटे बड़े व्यवसाय को जोड़ ने के लिए एक वेबसाइट बनाई जिसका नाम "चाइना - येल्लो पेज" रखा। उनका कॉन्सेप्ट अच्छा होने के बाद भी चीन मे उन्हें फंडिग नही  मिला।क्यो की वो समान अर्थ व्यवस्था में मैंने वाले साम्यवादी विचारधारा के देश में थे।अब... उन्हें उसेे भी बंध करना पड़ा।

अपने पहले काम की असफलता के बाद भी उन्होंने " alibaba.com " को तैयार किया।जीवन में कोई भी काम आसानी से होते तो महेनत कोंन करता।पहले पहले उन्हें बहोत दिक्कतो का सामना करना पड़ा।अपने आप में विश्वास रखने वाले Jac ने कुछी सालो में दुनिया की सबसे बड़ी  e - commerce कंपनी का निर्माण कर लिया।आज alibaba का नेटवर्क face book से भी कई गुना ज्यादा है। उनकी आमदनी e- bay + amazon की आमदनी से कई गुना ज्यादा कमाती है।

Jack कहते हैं कि...उन्होंने हमेशा प्रयास किया ऐसे व्यक्ति खोज ने का जो उनसे ज्यादा स्मार्ट हो। उन्होंने कहा हैं कि 'वो पहले थे जो टेक्नोलॉजी ओर मैनेजमेंट के बारे में कुछ भी जानते नहीं थे। वो मानते हैं कि साथ जुड़ के स्मार्ट व्यक्ति काम करेगे तभी ध्येय सरल बनेगा। उनका मानना हैं कि स्मार्ट लोगो को साथमे काम करवा ना कठिन है।

क्योंकि...

स्टुपिड लोग सरलता से साथ में काम कर सकते है।उन्होंने आयुष्य के नजरिये से कुछ अलग करने को कहा हैं।वो मानते हैं कि  20- 30 साल की उम्र हो तभी आपको अच्छे गुरु को अनुसरना चाइये।

जभी आप 30-40 साल के हो तभी आप खुद कुछ करना चाहते है वो करे। ज्यादा प्रयत्न करने चाहिए।

जभी आप 40-50 साल के हो  तभी आप वो काम करे जिसमे आप परफेक्ट है। कुछ नया करने का सोचोगे तो वो भयानक है।

जब आप 50-60 साल के है तभी आप का समय नेक्स्ट जनरेशन को ट्रेनिग ओर डेवलोपमेन्ट करने में देना चाहिए।

जभी आप 60- से ज्यादा साल के हो जाये तभी आप आपके पौत्र के साथ समय पसार करे।

वो सोचते हैं कि वैश्वीकरण कभी बंध नही होगा। वैश्वीकरण ने पिछले 30 सालों में बहुत अच्छा काम किया है। बहुत सारे देश समृद्ध हुए है।

किन्तु...

वैश्विककरन से बहोत सारे प्रोब्लेम्स भी पैदा हुए है। युवानो के पास मौका नही है। छोटे व्यवसाईको को तक नही मिल रही है। विकासशील देशो की आज अवगणना हो रही है। आज हमारे पास टेक्नोलॉजी है अच्छा ज्ञान है। मगर स्किक वाले व्यक्ति नहीं हैं।वो आज कल की शिक्षा व्यवस्था को   सबसे बड़ी चेलेंज मानते हैं।

आज हम जो पद्धति से सिखते ओर सिखाते है वो बदलने की आवश्यकता हैं।आज हम शिक्षा व्यवस्था बदलेंगे नही तो हम 30 साल बाद बड़ी मुश्किल में फस जायेगे।

क्योंकि...

उनका मानना हैं कि हम जो पद्धति से सीखते है वो 200 साल पुरानी है। हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था knowledge - based है। हम अपने बच्चोको मशीन के साथ कैसे स्पर्धा करनी है वो हम नही सिखाते । बच्चोको कुछ अलग सीखाने की जरूरत है।

वो कहते हैं उन्होंने ये  कभी नही सोचा था कि वो CEO बनेंगे।

शिक्षकों के प्रति उन्हें बहुत सन्मान हैं।वो मानते हैं कि टीचर एक महत्व पूर्ण cherechter है। टीचर हमेशा ऐसा सोचता है कि उसका विद्यार्थी एक अच्छा व्यक्ति बने।

अब दुनिया में नेट के व्यवसाय में सबसे बड़े बननके वाले Jack ने अपने जीवन को बनाया हैं।उनके जीवन मे आये एक दोस्त ने इंटरनेट दिखाया और Jack विश्व के सरताज बन पाए।हमारे जीवन में भी आने वाले दोस्त हमे सफलता दिलवा सकते हैं।सिर्फ हमे उसके प्रति आस्था होनी चाहिए।


अगर तृप्ति या संतोष नहीं हैं तो शांति नहीं हैं।शांति नहीं हैं तो सुख नहीं हैं।सुख नहीं हैं तो प्रेम कैसे होगा।प्रेम नहीं हैं तो आनंद की अनुभूति नहीं होगी।तो चलो तृप्त होने के रास्ते खोजे।

We can मुमकिन हैं...


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