Go Go Go indigo...

एशिया की सबसे बड़ी बस।ऐसा  गौरव रखने वाली बस।वैसी बस में मैने आज लंबा प्रवास शुरू किया।वैसे तो प्लेन का टिकट था।बुकिंग भी हो चुकी थी।हम समय से पहले पहुंच भी गए।सिक्योरिटी क्लियरिग करवाने में ही समय खत्म हो गया।
ओर हमे वोल्वो का संपर्क करना पड़ा।मेरी जिंदगी में पहली बार में वॉल्वो में बैठा हूँ।
लंबा सफर हैं।दूर तक जाना हैं।थकना नहीं हैं।रुकना नहीं हैं।हारना नहीं हैं।में हररोज सुबह उठके दिन के सारे काम कब करने हैं,कैसे करने है उसके बारे में सोचता हूँ।जो सोचता हूं उसे पूरा करने को तैयार रहता हूँ।नहीं में थकता हूँ, नहीं थकने देता हूँ।
कहते हैं कि बंध घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती हैं।सुबह में जितने बजे पूना पहुंचने वाले थे उतने ही बजे पहुंचेगे,फर्क है तो इतना कि सुबह के बदले श्याम को पहुंचेंगे।देर आये दुरुस्त आये।आजका काम सारा कल करलेंगे।खुशी इस बात की हैं कि जहाँ पहुंचना था,थोड़ा देर से,थोड़ी दिक्कतो से साथ,मगर पहुंच ही गए।

#ThanksGo.. Go.. Indigo.
# वाह SRS वाह...


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कभी ऐसा नहीं सोचना हैं कि जो हुआ बुरा हुआ।अच्छा और बुरा हमारी समज के आधिन हैं,हमे सिर्फ उसका स्वीकार करना हैं।

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