वख्त ओर विचार
समय कभी नहीं रुकता।
जब में छोटा था,हम टीवी में देखते थे महाभारत।महाभारत शुरू होती तो एक उदगोशना होती।'में समय हु...'
आज समय तो हैं...
समय कभी रुका नहीं हैं।न रुकेगा।मेरे एक दोस्त हैं।वो कभी कभी बहोत बुरे विचार करते हैं।विचार करते करते वो इतने परेशान हो जाते हैं कि वो अपना आपा खो देते हैं।
मेने उन्हें कहा,क्यो ऐसा होता हैं।अगर आज ऐसा हैं और आप उसे संभाल नहीं पाते तो,आप बादमें कैसे उसे संभालोगे।
समय रुकता नहीं,भले वो अच्छा हो या बुरा।समय कैसा हैं उसके लिए हमे एक बात सोचनी हैं।उसका जवाब हैं 'हम कैसे हैं...!'
सोच कभी कभी गलत नहीं होती।विकजर कभी कभी ही सच्चे होते हैं।आप विचारों से नहीं सोचा के आधार पर चले वो अच्छा रहेगा।
एक बार अकबर ओर बीरबल साथ गुमटी थे।बिरबलको परेशान करते हुए अकबर ने कहा 'कुछ ऐसा लिखो की जिसे पढ़कर खुश हैं वो दुखी हो जाय और दुखी हैं वो खुश हो जाय...!
इसे समझते हुए बीरबल ने कहा' यह वखय भी गुजर जाएगा।'आज की ये पोस्ट मेरे उस साथी के लिए हैं जो सोचते हैं,ओर आने आप परेशान होते हैं।उनके लिए मेरा जवाब हैं कि 'यह वख्तभी गुजर जाएगा..!'
क्योकि वख्त किसी की राह नहीं देखता।उसे जोड़ने वाला और आप सब दोस्तो के लिए एक दूसरी बात वख्त से जुड़ी ये भी हैं कि 'में बहोत सवालों के जवाब नहीं देता,उसका जिम्मा मेने समय को दे रखा हैं।
वख्त यकीन नहीं दिलाता,मगर यकीन होने के बाद बुरी बातों के लिए भी वख्त नहीं मिलता।
आशा हैं,
जिनके के पास आज कुछ अविश्वास हैं,संभावना नहीं हैं उनके लिए कहूंगा कि 'यह वख्त भी गुजर जाएगा।'
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