सैनिक परिवार को सलाम


हमारा देश।
विश्वमें सर्वाधिक युवक मतदार वाला देश।विश्व के सबसे युवान जनसंख्या वाला देश।हमारा देश प्रगति कर रहा हैं।आगे ही आगे बढ़ाएंगे कदम वाली बात हम ने स्वीकार की हैं।हमारे देश में आज इजनेर मिलेंगे,तबीब या वकील मिलेंगे एमजीआर देश के लिए सदैव खड़े रहने वाले सैनिक आज भी हमारे आसपास बहोत कम हैं।

चीन एक ऐसा देश हैं,जहाँ मिलेट्री ट्रेनिग करनी आवश्यक हैं।अगर आप के दो संतान हैं तो एक को देश के सैन्य में भेजना आवश्यक हैं।पंजाब,हरियाणा,उत्तर प्रदेश और ऐसे अन्य प्रान्त से सैनिक ज्यादा होते हैं।गुजरात से बहोत कम लोग देश के सैन्य में दाखिल होते हैं।

एक परिवार में दो भाई।सबसे बड़े भाई का नाम केतनसिंह चावड़ा।वो गुजरात के महेसाणा के करीब वसई के निवासी हैं।अपने घर के सबसे बड़े पुत्र।कुल मिलाके 3 भाई बहन हैं।सबसे बड़े केतनसिंह जो भारतीय फौज में काम करते हैं।बचपन से उन्हें देश भक्ति का माहौल मिला।उनका परिवार राऑल चावड़ा कुल हैं।उनके पिताजी गोजारिया स्थित छीटे से नगर में हाइवे के ऊपर गेरेज का संचालन कर रहे हैं।

उनका नाम महेंद्रसिंह।उन्होंने बचपन से उन्होंने अपने संतानों को देश की सेवा में लगाने का संकल्प किया।इस परिवार के सबसे बड़े पुत्र को देश सेवा में भेजा।उनके दूसरे बेटे जिनका नाम अनिरुद्धसिंह हैं।वो भी बचपन से  भाई के नक्शे कदम पर चल रहे हैं।वो देश सेवा में ही जुड़ना चाहते हैं।

यहाँ एक बात जानके आप को खुशी होगी की श्री केतनसिंह चावड़ा की मौसी के दो लड़के श्री सामंतसिंह ओर श्री अर्जुनसिंह देश के सैन्य में सेवा देते हुए निवृत्त हो चुके हैं।देश सेवा के लिए दो बहनें निरुबा चावड़ा के पुत्र केतनसिंह ओर ग़लबा बा के दोनों पुत्र जो सैन्यमें हैं।सोचिए ,उनकी माताओ को सलाम जिन्होंने अपने सभी संतान को देश सेवामें जोड़ा हैं।ऐसे परिवार के मुखिया को सलाम।में तो कहूंगा की स्व. मदारसिंह वाघेला को सलाम हैं।जिन्होंने ऐसी दो बेटियोंको जन्म दिया।अरे...अर्जुनसिंह जी ने तो पाकिस्तान के सामने लड़े गए कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों के दांत खट्टे करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

ज्यादातर लोग सैनिकों को एकदम शिस्त या कड़क स्वभाव के मान लेते हैं।हमारे देश के सैनिकों ने बहुत सारे खेलो में मेडल दिलवाने वाले सैनिक ही हैं।कुछ संगीत तो कुछ अन्य कौशलयो में निपुण होते हैं।वैसे ही श्री केतनसिंह चावड़ा अच्छी फ्लूट बजाते हैं।

जब हमारी सेना सर्जिकल स्ट्राइक या ऐसा कुछ विशेष सैन्य साहस दिखाती हैं तब उन्हें पैराग्लाइडिंग की सहाय की आवश्यकता होती हैं।श्री केतनसिंह आज पैराग्लाइडिंग के ग्रुप में आज अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।देश के लिए जीने वाले ऐसे ही हमारे साथी और वीर जवान केतनसिंह कराते चेम्पियन भी हैं।

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जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर,
जान देने की ऋतु रोज आती नहीं।
मरते मरते रहा बागपत साथियो,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो।

# सैन्य को सलाम
# सैनिक को सलाम
#सैनिक परिवारों को सलाम।

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