हाथ की सहाय
आज हम देखते हैं।
कई लोग अपना काम कर रहे हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी न किसी समस्या के चलते वो काम नहीं कर पाते।शारीरिक रूप से पैर न होना या देखन पाना भी विकलांगता हैं।
समस्या तब समाने आती हैं जब हम दोनों हाथ या पैर के साथ जी रहे होते हैं।किसी अकस्मात में जब वो नही रहते तब हमें उसकी आवश्यकता होती हैं,हम उसका महत्व समझते हैं।
ऐसी बहोत सारी संस्थान हैं जो हाथ या पैरो के लिए कुछ अलग कर रहे हैं।अमदावाद में ऐसी समस्याओ से जूझने वाले लोगो के लिए कुछ हो रहा हैं।पोस्टरमें नंबर और अन्य जानकारी भी दी गई हैं।आप भी इसे फैलाए ओर किसी को अपना सामान्य जीवन व्यतीत करने में सहयोग करे।
#we can मुमकिन हैं...!
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