आप भी जुड़े...

कोई कुछ भी कहे।
बच्चे सदैव बच्चे होते हैं।
हमारी आसपास कई सारे बच्चे ऐसे हैं जिन्हें हम विशेष रूप से नहीं जानते या पहचानते हैं।कुछ बच्चे पढ़ने लिखने में तेज नहीं होते।वो कुछ अलग करना चाहते हैं और अलग करते हैं।इस दोनों बातो में ये स्वयं स्पस्ट हैं कि केंद्र में बच्चे होते हैं।
क्या सभी को हम डॉक्टर या इजनेर बनाये या वकील बनाएंगे तो अच्छे लेखक और अन्य व्यवसाय कर्मी हमे कैसे मिलेंगे!?
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की किसी कार्यशाला में मुजे काम करना था।वक्ताओं में एक थे डॉ अनिल गुप्ता।उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा 'किसी समस्या का अगर समाधान खोजना हैं तो उसके बारे में बच्चों से सवाल जवाब करो।वो ही नए विचार या आविष्कार कर सकते हैं।पढ़े लिखे लोग तो विज्ञान में स्वीकृत अवधारणाओं से ही अपनी बात रखेंगे।
इस बार 26 जनवरी ओर शुक्रवार था।2001 में भी ऐसा ही एक शुक्रवार था।भूकंप तब भी आया था।भूकंप 2018 में भी आया।फर्क इतना कि इस बार राष्ट्र्पति जी के राष्ट्रजोग निवेदन में उन्होंने बच्चों के ओर ग्रासरूट इनोवेटर्स के बातें में अपनी बात रखी।उनका भाषण सुनते ही मेरे ओर मेरे साथ जुड़े ऐसे नवचारका काम करने वाले लोगो के मन में भूकंप आया।
अब तो राष्ट्रपति महोदय भी अपने वक्तव्य में देश को नवाचार की बात कर रहे हैं।हनी बी नेटवर्क 30 साल से ये काम करता हैं।हम भी उसमें जुड़ के जो काम करते हैं उससे आज मालूम पड़ा कि ये काम भी राष्ट्रवाद ही हैं।आप भी आपकी आसपास के ऐसे प्रतिभावान बच्चो के लिए कुछ कर सकते हैं।आप भी जुड़े हनी बी के नेटवर्क से ओर राष्ट्रविकास में अपना सहयोग प्रदान करें।

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