मेरा साया मेरी खुशी



व्यक्तिकभी अकेला,कभी किसी के साथ।व्यक्ति जब अकेला महसूस करता हैं।उसे ये लगता हैं मेरे साथ कोई नहीं हैं।ऐसा होता नहीं हैं।आज मकर सक्रांति हैं।
में जब घर में था,अकेला था।में घर से भर आया...मेरा साया तुरन्त मेरे साथ,मुझसे आगे आया।
मेरा साया यानी मेरी ख़ुशी।जब में प्रकाश में होता हूं,मेरी खुशी मुजे मेरे साथ होनेका हौसला देती हैं।मुजे मालूम हैं,की मुजे प्रकाश में रहना हैं।मेने मेरा प्रकाश तय कर लिया हैं।एक गाना हैं 'तुम बे सहारा होतो,किसी का सहारा बनो'  
हम रोज एक समान खुशी चाहते हैं।ऐसा संम्भव नहीं हैं।जब त्योहार आहे हैं अपने याद आते हैं।अपने होने परभी कुछ दूर होते हैं।जो पास नही  होते हैं फिरभी साथ होते हैं।
किसी ने खूब कहा हैं।
सब से शांत जगह धर्म धर्मस्थल होता हैं।गाँधीआश्रम एक ऐसा स्थान हैं कि में जब भी जाता हूं मुजे कभी अकेला पन महसूस नहीं हुआ।अगर मंदिर मस्जिद के नजरिये से देखे ..
घर से मंदिर हैं बहोत दूर,
घर से मंदिर हैं बहोत दूर।

चलो,

किसी रोते हुई बच्चे को हसाया जाए।आज हम जो जिंदगी जी रहे हैं।वैसा जीने के लिए कई लोग दिन रात एक कर रहे हैं।अगर में अकेलापन महसूस करता हु तो में भर निकल कर मेरी खुशियो के साथ खुश रहूं।
जी...
आज के दिन भर निकलो,
किसी अनजान बच्चे से बात करो।कुश करो।आप को भी खुशी मिलेगी।उसकी जिंदगी में ख़ुशी क्या हैं वो आप सुनेगे तो शायद आप को रोना भी आ सकता हैं।

नव विचार से सर्जन होगा,
नए भारत को सजा ना होगा।
देश को अपनी बढ़ाएंगे,
नया सवेरा लाएंगे।


#जी 
आज से तय करो कि रोज किसी को खुशी देंगे...

एक खुशी,एक आशा का किरन...

#we can मुमकिन हैं?
#Bnoवेशन.

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