गांधी निर्वाण ओर 1000 बच्चो का संकल्प

अरे...
गांधी के लिए कुछ भी संम्भव हैं।जी हां, गांधी जिबकी बात करता हूँ।मोहनदास करमचंद गांधी याने राष्ट्रपिता बापू की बात करता हूँ।मेने कहा हैं कि बापू ऐसे व्यक्ति हैं जिनके नाम से दुनिया के प्रत्येक देश में कोई न कोई स्मारक हैं।विश्व महासत्ता अंग्रेजो की बात आप को मालूम हैं।

अब आज की बात...
मेने कही पढ़ा।शायद आज ही...!
किसी ने लिखा था।बापू स्वदेशी थे।'इस लिए उन्हों ने भारतीय गोली ही मार पाई।अंग्रेजो के पास भी बहोत गोलियां थी
तब किसी ने लिखा...
बापू कहते थे,
किसी का दिल दुभाना भी एक हिंसा हैं।
वाह रे बापू...
आप कहे वो सही...मगर आज कोई अफसोस नहीं हैं कि में मीठा जुठ नहीं बोलता।मेरे लिए काफी हैं कि में अब बोलता हु, अब में बोल चुका हूं।
मेरी कोशिश रहेगी की में रावण बनु।मेरे लिए रावण एक आदर्श हैं।आज तक में रावण के बारे में 6 से अधिक पोस्ट लिख चुका हूं।
आज के गांधी निर्वाण दिन पे में मेरे मन को संबोधित करते हुए तय करता हूँ कि मैने जो संकल्प लिए हैं,उसे में निभाउंगा।मेरा व्यावसायिक काम और नवाचार या नव विचारको को खोजने के अलावा अब कुछ नहीं करना हैं।में चाहता हूं कि गुजरात को ऐसे बच्चे खोजके दिखाए की जिन्हें हम पेटन्ट दिलवा सके।2021 तक ऐसे 1000 बच्चों को खोजने का संकल्प करता हूँ।

#नई तालीम...
#नई राह को पाएंगे...

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