कश्मीर में शिक्षा....


कश्मीर।
हमारा हैं।
हमारा स्वर्ग हैं।
कुछ दिनों पहले विश्वग्राम के फाउंडर श्री संजय कश्मीर गए हुए थे।संजय:तुला समग्र देशमें सन्मान जनक नाम हैं।गांधी विचार को फैलाने के लिए संजय:तुला काम कर रहे हैं।उनके साथ अन्य सभी थे।संजय अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं।
वो कहते हैं 'हमारे सदस्यों को  एक ही काम करना था,कश्मीर के लोगो का प्यार पाना था।'सिर्फ कश्मीरियों का प्यार ही क्यो?इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं 'कश्मीर के स्कूलमें बच्चो के हीरो अशरफ वानी हैं।प्रत्येक स्कूल के बेचमें वानी का नाम लिखा होता हैं।
वहां के लोगो के दिमाग से कश्मीर भारत का हिस्सा हैं वो याद करवाने की आवश्यकता हैं।श्री संजय के साथी सारा दिन पपेट्स ओर ऐरोगामी ओर अन्य खेल के माध्यमसे उन लोगो से जुड़ना चाहते थे।
गाँधीविचार ही देश और परदेश में शांति का प्रतीक बना हैं तब जाके श्री संजय:तुला गांधी विचार से समर्पित जीवन जी रहे हैं।पीछेले कई सालों से विश्वशांति के लिए विश्वग्राम से जुड़ के वो काम कर रहे हैं।
आपको ये पढ़के होता होगा कि में बार बार संजय:तुला क्यो लिख रहा हूँ।श्री संजय के साथ उनकी जीवनसाथी तुला जी भी ऐसे सेवा कार्यमें व्यस्त हैं।इस लिए उन दोनों के नाम को सभी साथमें लिखते हैं।एक अकेले संजय जी और तुला जी के नाम से उन्हें बहोत कम लोग पहचानते हैं।उनको उनकी सेवा के लिए 2016 में राष्ट्रपति भवन में सन्मान भी प्राप्त हुआ हैं।ऐसे संजय:तुला को वंदन।आशा रखते हैं कश्मीर में जल्द सब अच्छा होगा।

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