डांगी संगीत

राज्य स्तरीय नवाचार फेर का आयोजन हुआ था!मुझे वहा जाने का न्योता मिला था!मेरा सन्मान होने वाला था!पिछले तिन सालो से राष्ट्रपति भवन में आयोजित क्रिएटिव कार्यशाला और आइडिया कोम्पीटीशन में मुझे काम करने का मौका मिला हैं!समग्र भारत से पसंद किए जाने वाले सभी बच्चे यहा आते हैं! उनके साथ नए विचारो को सोचना और समजना एक अनूठा काम हैं! 

इस गौरव पूर्ण कार्य के बारे में गुजरात शैक्षणिक संशोधन एवं तालीम परिषद् को जब मालुम हुआ!बीएस..डॉ.टी.एस.जोशी सर के आदेश से मुझे वहा जाना था!25 मार्च के उद्घाटन समारोह में हमारा सन्मान होना था!मेरे साथ दुसरे चार साथीओ काभी सन्मान होना था!सन्मान समारोह के बाद हम भार निकले!

उद्घाटन में जो डांगी नृत्य हुआ था उसके प्रमुख कलाकारों से हम मिल पाए!देश वोदेश्में अनेक शो कर चुके इस ग्रुप के मुखिया एक स्थानीय संगीत का साधन बजा रहे थे!इस साधन का नाम देशाली और कलाकार का नाम शेमरा जी था!पशु,पंखी और सब्जी के सहाय से यह साधन बना था!

उसके निर्माण में बैल की सिंग,सब्जी में दूधि और मूर के पिंछ का उपयोग किया गया था! इसे सुनने के लिए आप यहाँ क्लिक करें!  सिर्फ हवा के दबाव और उपरी और निचे के सूर के लिए दिए गए दो होल के साथ निचे दिए गए पांच सूर के माध्यम से यह बजता हैं!जेसे तेसे उसके बारें में जानकारी इकठ्ठा की और हम चले उसे बजाने में!थोड़ी देर तक तो उसे पकड़ भी नहीं पाए!बाद में थोडा बहोत बजाने का आनद ले पाए!ऐसी कलाओं और कलाकारों के लिए कुछ करने की आवश्यकता दिखाती हैं!देखते हैं क्या होता हैं! 

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