हम तुम्हे चाहते हैं ऐसे...
एक जबर जस्त गाना!मेने कई बार उसे गाया हैं! आज भी में कभी
कभी गाता और गुनगुनाता हूँ!मेरे दोस्त प्रशांत शर्मा ने मुझे ये वीडियो भेजा! कइ बार वो मुझे ऐसे गाने या ट्रेक भेजते हैं!आज
उन्हों ने मुझे यह भेजा!उनका मानना हैं की में फिर से बेन्जो बजाना शुरू करू!आज
उन्हों ने मुझे कहा की तुम्हे बेन्जो बजाना ही हैं! वो मुझे मुंबई से एक बेन्जो भेज रहे हैं! आप इसे क्लिक करें!
जब में भावनगर पढ़ता था!उस वख्त मेने बेन्जो प्ले किया था!
गुजरात में बेन्जो प्ले करने में नवाचार करने वाले आर्टिस्ट के तोर पे दूरदर्शन ने
मेरा इंटरव्यू भी किया था!वर्ष 1995 के करीब की ये बात हैं! कुछ ऐसा हुआ की मेने
उस दिन से बेन्जो बजाना छोड़ दिया!
डॉ.प्रवीन महेता के साथ जब में गुजरात के ट्रायबल बेल्टमें
काम करता था!तब एक ऑडियो केसेट बनानी थी!डॉ.प्रशांत शर्मा हमारे को.ऑर्डिनेटर थे!
कम खर्च में हमे ये काम ख़तम करना था!मुंबई शिमारो स्टूडियो में रिकोर्डिंग था!
मुंबई में आर्टिस्ट तो मिलते थे! हां,उनका चार्ज ज्यादा था!तिन दिन तक रिकोर्डिंग
में अगर आर्टिस्ट आएगा तो कम से कम 3000 रूपया चार्ज था! हम ने तय किया की कुछ ऐसा
जुगाड़ हो की पैसा भी कम लगे और काम भी अच्छा हों!प्रशांत को मालूम था की में
बेन्जो प्लेयर हूँ! उन्हों ने बेन्जो का ऑर्डर दिया!श्याम को मुझे अवगत करवाया की
कल रिकोर्डिंग में मुझे बेन्जो बजाना हैं! क्यों मगर मेरे हाथ बेन्जो की स्ट्रिप
पकड़ ने को तैयार नहीं थे!मेरे सामने डॉ विकल्प थे!एक की में बेन्जो प्ले न
करू!
दूसरा ये की में बेन्जो प्ले करू!अगर में बेन्जो नहीं बजाता तो डांग,नवसारी,वलसाड और कपराडा जेसे ट्रायबल बेल्ट के बच्चे कब ऐसे साधन की मदद से शिखते?मेने दुसरे दिन बेन्जो बजाने से पहले सारी रात मेरे मन और तन को मजबूत और मजबूर किया! आज से 13 साल पहले आज ही के दिन मेने फिर से बेन्जो बजाया! क्या कोई संकेत हैं की और कुछ!मगर प्रशांत जी ने उस दिन को याद करके मुझे जो गाना बेन्जो मास्टर का हैं! कहते हैं की कौशल्य कुदरत देती हैं मगर उसका मंचन समय के आधीन हैं!
दूसरा ये की में बेन्जो प्ले करू!अगर में बेन्जो नहीं बजाता तो डांग,नवसारी,वलसाड और कपराडा जेसे ट्रायबल बेल्ट के बच्चे कब ऐसे साधन की मदद से शिखते?मेने दुसरे दिन बेन्जो बजाने से पहले सारी रात मेरे मन और तन को मजबूत और मजबूर किया! आज से 13 साल पहले आज ही के दिन मेने फिर से बेन्जो बजाया! क्या कोई संकेत हैं की और कुछ!मगर प्रशांत जी ने उस दिन को याद करके मुझे जो गाना बेन्जो मास्टर का हैं! कहते हैं की कौशल्य कुदरत देती हैं मगर उसका मंचन समय के आधीन हैं!
Comments