जो मुस्कुरा रहा....
''अपने से ज्यादा जो उठाती हैं वही माहें! इनशोध :7 सिस्टर '' |
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा !
जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा!
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नहीं सकता,
यारों, जलने वाले दिये में ही उजाला होगा।
उदास होने के लिए तो सारी उम्र पड़ी है,
नज़र उठाओ सामने तो ज़िंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी, खुद के होंठोंसे न जाने देना!
खुदकी मुस्कुराहट पे तो दुनिया पड़ी है!
अपने को, जुक करही चलनेका कोई पूछे,
पीछे को रखने भारी इक बहाना बना देना!
में खुश ,मेरी ख़ुशी मेरी हैं!ऐ खुद जान लेना!
हरगम पीके,हंसते रहते तुम गम भूला लेना!
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