इसे कोई नहीं बोल सकता...

ब्कोल....
         ब्कोल....
                  ब्कोल....
                          ब्कोल....

हम उसे बोल नहीं सकते!ऐसा ही एक लिखा हुआ आज कल सोसियल नेटवर्कमें हमे देखनेको मिलता हैं!भाषा एक शास्त्र हैं!शास्त्र याने नियम के आधीन!जेसे की पाक शास्त्र...नाट्य शास्त्र.... संगीत और चित्र हमारी कला हैं!कौशल्य को अंग्रेजीमे स्किल कहते हैं!एक कलाकार एक ही गाना दुसरे तरीके से गा सकता हैं!चित्र में भी ऐसा होता हैं!

लेकिन आप और में ' द ' अलग तरीको से नहीं लिख सकते! अब ब्कोल के बारे में...कई दिनों से ऐ और ऐसे शब्द हैं जो सोसियल मिडिया में चलते हैं!इसे चिह्न या प्रतिक कहते हैं!ये कोई शब्द नहीं हैं!चिह्न को समजा जा सकता हैं!उसे पढ़ा नहीं जा सकता!

🙂 स्माइल...
😘 किस ...
🏆 एवोर्ड...
✂ केंची...

ऐसे सिम्बोल हम whats app या ऐसे दुसरे सोसियल साईट में इस्तमाल करते हैं!इनको देखके ही मालूम पड़ता हैं की ऐ क्या कहते हैं!नो हॉर्न का सिम्बोल हम देखते हैं!उसे पड़ते नहीं सिर्फ समजते हैं!निचे दिए गए सिम्बोल से हम जान लेंगे की क्या सूचना हैं!अगर इस सिम्बोल को हम लिखेंगे तो क्या लिखेंगे?


⬆....⬇.... ↗..... ↘....

और हाँ...
जो आगे लिखा हैं वो इस लिए भी नहीं पढ़ पाते!आप शब्द लिखके समज ते हैं मगर वो गलत तरीको से लिखा गया हैं!अगर कुछ दिखता हैं मगर उसे हम सिम्बोल कहते हैं!

अगर एक तरीके से देखा जाए तो इसे दो मूलाक्षर से कुछ लिखा हैं!जोडाक्षर की पेटन यहाँ पे दिखाई देती हैं!गुजराती भाषा में जोडाक्षर के चार प्रकार हैं!

1.सदंडी जोडाक्षर...

2.दंड रहित जोडाक्षर...

3.लोप जोडाक्षर...

4.' र ' के उच्चारण वाले जोडाक्षर...

जोडाक्षर एक भाषा की तहत तय किया गया हैं!भिन्न भिन्न नियमो के आधीन ये काम होता हैं!सबसे पहले बोली और बादमे भाषा बनती हैं!इसके कुछ नियम हैं...

यहाँ पे दिया गया 'ब' स दंडी प्रकारमे आने वाला मूलाक्षर होनेकी बजह से ब स दंडी मूलाक्षर हैं!नियम ऐसा हैं की इसके पीछी दंड रहित मूलाक्षर कभी नहीं जुड़ता!जेसे की इक प्रत्यय लगाने से हस्व 'इ' लिखते हैं !यह नियम हैं!वेसे ही यह नियम हैं!सदंडी और दंड रहित में नियम ऐसा हैं की हमारी गुजराती भाषामे सदंडी ही जुड़ता हैं!तमिल...कन्नड़...मलयालम भाषा ऐसी हैं की उसके नियम कुछ अलग हैं!हो सकता हैं की किसी और भाषा में इसे पढ़ा जा सके!पंजाबी भाषा ऐसी हैं की जिसमे जोडाक्षर हैं ही नहीं!भारत की एक मात्र भाषा जिसमे जोडाक्षर नहीं हैं!

अब हमारी बात...

क्या हम गुजराती में દડો को 3ડો लिख सकते हैं?

अगर उसे गुजराती में पढेंगे तो उसे 'त्रण डो ' पढ़ना होगा!यहाँ त्रण डो हैं...दड़ो नहीं लिखा हैं!अगर उसे दड़ो नहीं लिखा हैं तो त्रण डो को दड़ो नहीं पढ़ सकते!जेसे उसे लिख नहीं सकते वेसे ही उसे पढ़भी नहीं सकते...

समजे?

चाय बनानेकी प्रक्रिया सेइम होने के बावजूदभी लेमन टी और मिल्क टी समान नहीं हैं!ऐ लिखा ही गलत गया हैं!पर ऐसी कई जानकारी हम इकठ्ठा कर रहे हैं!आप के कोई सवाल हो तो मेरा संपर्क करें!हम उसे खोजनेका प्रयत्न करेंगे!

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