मैं भारत का नागरिक...
मैं भारत का नागरिक, मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।
बिजलीमैं बचाऊँगा नहीं, बिल मुझे पूरा माफ़ चाहिये ।
पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं, मौसम मुझको साफ़ चाहिये।
शिकायत मैं करूँगा नहीं,कार्रवाई तुरंत ही चाहिये ।
बिना लिए कुछ न करूँ,पर भ्रष्टाचार नही चाहिये ।
घर-बाहर कूड़ा में फेकुंगा,मेरा गाँव साफ चाहिये ।
काम करूँ न पलभर का,मुझे वेतन लल्लनटाॅप चाहिये ।
एक नेता कुछ बोल गया सो, मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।
लाचारों वाले लाभ उठायें, फिर भी ऊँची साख चाहिये।
लोन मिले बिल्कुल सस्ता, बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।
धर्म के नाम रेवडियां खाएँ, पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।
जाती के नाम पर वोट दे, अपराध मुक्त राज्य चाहिए।
मैं भारत का नागरिक हूँ ,मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिय।
बिजली मैं बचाऊँगा नहीं, बिल मुझे पूरा माफ़ चाहिये ।
हिरल व्यास द्वारा भेजी हुई कविता...
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