अरे ! ओह नो !!!

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एक साथी!
परसोत्तमभाई!
अब वो हमारे साथ नहीं हैं!
गुजरात में  दहोद,एक अनोखा डिस्ट्रिक!देवगढ़ बारिया तहसील!
छोटा गाँव आंकली!परषोत्तम यहाँ पढ़े!प्राथमिक शिक्षा उन्होंने यहाँ प्राप्त की !
शिक्षा प्राप्त करने हेतु उन्होंने प्रयत्न किया!अपनी जिज्ञासा एवं जानकारी के लिए वो सदैव तत्पर रहे!उन्हें इसी बजहसे डॉ.अनिल गुप्ता जी के साथ जुड़नेका मौका मिला!उन्होंने sristi.sristi.orgके साथ काम शुरूं किया!अपनी कार्य के प्रति लगन,विश्वास और नया देखनेकी सोचने उन्हें sristi.org का अभिन्न अंग बना दिया!पिछले दिनों उन्हें कुछ बीमारी लगी!प्रारंभिक जांच के दौरान उन्हें अन्न नलिका कैंसर होनेकी बात सामने आई!अपने काम से "विश्वमित्र"परषोत्तमभाई के साथी शोकमग्न हुए!अपने साथी दुःखी न हो,इस चिन्तामे वो जैसे जी रहेथे!अस्पतालमेंभी वो दुःखी न होते न होने देते!सदैव खुश रहनेवाल एक साथी हमें 29-अक्टूबर-15 को हमें छोडके चले गए!'सृस्टी परिवार' के परसोत्तम पटेल हमारी सृस्टि को छोड़ गए!वो भलेही हमारे साथ अभी नहीं हैं!
फिल्ड ऑफिसर के रूपमे उनके द्वारा किये गए कार्योके द्वारा वो सदैव हमारे साथ हैं! उनके परिवारमे उनकी  धर्मपत्नी,दो बेटियाँ और एक बेटा हैं! एक बड़े और छोटे भाई परिवारमें मौजूद हैं!आपभी देख सकते हैं!अपने आखरी दौरे के दरमियाँ एम्ब्युलन्स में भी वो अखबार पढ़ते हैं!किसीने क्या खूब लिखा हैं,"तू जिन्दा हैं तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर,अगर कहीं है स्वर्ग तो उतरला जमीन पर!"शायद ऐसे ही लोगो के लिएही ऐसा लिखा गया हो!

स्व.श्री परषोत्तम पटेल को Sristi.family ने अपने भाव व्यक्त किये हैं!

sristi.org की भावांजलि!

ॐ शांति...शांति...शांति...


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