चीफ सेक्रेटरी को पसंद आया भाषामें किया गया नवाचार...

भाषा के माध्यम से ही सरे विषय शिखाए जाते हैं! जो बच्चे भाषा नहीं पढ़ सकते वो बाकी के सभी सब्जेक्ट को भी नहि समज सकते.!मेने इस लिए भाषाको सरल किया!एटेच लेटर को छोडके ऐसी कहानिया लिखी की बच्चे पढ़ सके!ऐसी कहानिया लिखनेका एक ही रीजन था की बच्चे जो गुजराती पढ़ नहीं सकते थे, वो ज्यादातर जोडाक्षर ही पढ़ नहीं सकते थे! वो भी सभी विषय पढ़े एवं शिखे,समजे!असी कहानिया लिखनेके बाद मुझे कई सन्मान मिले! गुजरात साहित्य अकादमी एवं परीशद को ऐ बात समज नहि आती की बाल साहित्यके नाम से वो जो प्रकाशित करते हैं उसमे जोडाक्षर आते हैं !
 गुजरातके पाठ्यक्रम के विकासमे कक्षा तिन से ही बच्चे जोडाक्षर पढ़ सकते हैं ! समज सकते हैं!फिरभी सिर्फ कई लोगोको ही बाल साहित्यका पुरस्कार दिया जाता हैं !मेरा सवाल ये हैं की क्या कक्षा एक एवं दो के बच्चे बाल साहित्य नहीं पढने चाहिए?मेरा ऐ लिखनेका कोई ये मतलब न निकाले की मुझे परिषद और अकादमिने पुरस्कृत नहीं किया हैं !मेरा यहाँ लिखनेका मतलब ये हैं की ऐसे साहित्य को भी वो प्रकाशित करे!
अब जिस बजह से मेने ये लिखना शुरू किया हैं वो बात पे आता हू!मेंने ऐसी कहानिया और गीतों के ३९ पुस्तक लिखे हैं! में यहाँ गोषित करना चाहता हू की में कभी अकादमीमें  मेरी बुक्स स्पर्धामें  नहीं भेजने वाला हू!मुझे इस बात का संतोष हैं की मेरे इस काम को आई.आई.एम  जेसी विश्व प्रसिद्द प्रबंधन संस्था ने प्रमाणित किया हीं! यही  मेरे लिए सबसे बड़ा एवोर्ड हैं! 
आईआई एम में थर्ड कोंफरंस में जब मुझे मेरे इस काम की बजहसे आमंत्रित किया गया तो मुझे ऐसा था की वहाँ  जाऊंगा और मुझे कुछ इसके बारेमे बताना पड़ेगा!मगर यहाँ डॉ.कलाम जी ने मेरे काम की सराहना की.!दिनांक २२ को गुजरातके चीफ सेक्रेटरी श्री पांडियन सर आये!उन्होंने मेरे काम को,मेरी कहानी और गीतों को देखा!गणित एवं विज्ञान जेसे विषयो को पढ़ाने के लिए ये कहानिया कितनी उपयोगी हैं उसके बारेमे जानकारी प्राप्तकी!
मेरी लिखी हुई बुक्स में उन्होंने मुझे ऑटोग्राफ भी दिया ! बस यही मेरे काम की कदर हैं ऐसा मेरा मानना हैं!भारतरत्न डॉ.कलाम जी,पध्मश्री अनिल गुप्ताजी और गुजरात सरकार के चीफ सेक्रेटरी श्री पांडियन जी ने जब मेरे काम को सराहा तब मुझे लगाकी मुझे पागल कहनेवाले पागल हो सकते हैं में पागल नहीं हू.! गुजरात के बच्चो को पढना शिखाने के लिए गुजरातमे पिछले कई सालोसे वाचन,गणन एवं लेखन चलता हैं! क्या परिणाम प्राप्त हुआ वो हम जानते हैं!मगर मेरे इस कार्य से मेरी स्कुल के  सभी बच्चे पढ़ सकते हैं और समज के जवाब भी दे सकते हैं! 
आई.आई.एम ऐसे प्रयोगोको स्प्रेड करके अच्छा परिणाम प्राप्त करना चाहती हैं! क्यों न हम उस काम में जुड़े!ऐसे कई भाषसे जुड़े प्रयोग हैं जो गुजरात के सभी बच्चोको पढना सिखा सके!चलो साथ मिलके कुछ करे और गुजरातके सभी बच्चे गुजराती पढ़े,समजे एवं अभिव्यक्य हो सके ऐसा कुछ करे.!
  

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