मेरे पुस्तक को कलाम जी ने देखा...
अब्दुल कलाम !सिर्फ नाम
ही काफी हैं !फिरभी अगर लिखना हैं तो कह सकते हैं की भारतके रत्न,भारत रत्न!विश्व
प्रसिद्द वैज्ञानिक !मिसाइल मेन एवं हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति !आजीवन शिक्षक
एवं कई लोगोके मार्गदर्शक और प्रेरक !भारतीय प्रबंधन संस्थान में ‘थर्ड इंटर नॅशनल
कोंफरंस में दिनाक २१ को डॉ.कलाम सर आये!विश्व प्रसिद्द व्यक्ति और सहज जीवन शैली
के व्यक्ति कलाम जी इंटरनेशनल कोंफरंस में नवाचार करने वालोको प्रोत्साहित करने के
लिए आये!
मेरा सौभाग्य था की में
उनके साथ थोडा समय बात कर सका !मेरा नवाचार भाषा के लिए था! पिछले चौदा सालोसे में
भाषा को बाल सहज एवं बालभोग्य बनाने के लिए काम कर रहा हूँ !मगर जब कलाम सर ने
मेरे काम को देखा और सराहा तब मुझे अनोखी अनुभूति हुई ! अब मुझे यकीं हैं की हाँ,मेरा
काम सही हैं और सही रस्तेपे जा रहा हैं !
कलाम सर ने मेरी गणित एवं
विज्ञान सिखाने के लिए लिखी मिताक्षर (एटेच लेटर) के इस्तमाल के बिना की कहानियो
के बारेमे जानकारी ली तब वो बहुत प्रभावित हुए!
पध्म श्री एवं सृष्टि के
संयोजक अनिल गुप्ता सर ने मुजसे कहानिया लिखवाई! ये सारी कहानिया सृष्टि के
मुखपत्र ‘लोक्सरावानी’के मुख पत्र पे छपे चित्रों के आधार पे थी !मेने उन चित्रों
एवं उसकी बात को ध्यान में रखते हुए कहानियो को दो हिस्सों में बाटा !
कक्षा एक से पांच के
बच्चो के लिए एटेच लेटर के आलावा बनी हुई कहानीयाँ और कक्षा छ से आठ के
विद्यार्थियो के लिए बाल्भोग्य शैली में साडी कहानियाँ लिखी !ऐसे डॉ पुस्तक के
आलावा एक तीसरी बुक इग्नाईट एवोर्ड विनर
बच्चो के बारे में थी !ये बच्चे वर्ष २००८ से २०१४ तक के एवोर्ड विनर थे!
अनिल गुप्ता जी एवं
प्रो.विजया शेरिचंद जी ने मुझे यह जिम्मेदारी दी !मेने एक साथ ऐसी तिन अनोठी पुस्तक
लिखी! दिनांक २१ तारीख को इन्टर नॅशनल सेमीनार में तिन पुस्तकों का विमोचन भी
हुआ!पध्म्श्री अनिल जी एवं विजय शेरिचंद जी और अन्य राज्य के इनोवेटर के हाथो
विमोचन हुआ!यह मुकाम मेरे लिए एक नया प्रोत्साहक एवं प्रेरक वाकिया था!
मेरे लिए ऐ भी गौरव पूर्ण
बात थी की मुझे बहोत प्यार से प्रो. अनिल गुप्ता जी ने बुक्स के अंदर आशीर्वाद के साथ
ऑटोग्राफ भी दिया ! दसरे दिन भी जेसे मेरे लिए ही सूरज देव आये थे! कलाम सर ने जब
मेरे स्टोल की मुल्ककत ली और उन्होंने इसके बारेमे मुझे पूछा तो गुप्ता सर ने मेरे
नवाचार के बारेमे उन्हें जानकारी दी!डॉ कलाम प्रसन्न हुए!इग्नाईट में पसंद होने
वाले बच्चो को कलाम सर के जन्म दिन पर पिछले छे सालो से सन्मानित किया जाता हैं !
उनके जन्म दिन पर यह समारोह होता हीं ! कलाम सर के हाथो सन्मानित होने वाले
बच्चोको सृष्टि के मध्यमा से शोध के आधार पर पेटंट भी दिलवाया जाता हैं ! मेने ऐसे
बच्चो के बारेमे भी एक पुस्तक प्रो.अनिल गुप्ताजी के मार्गदर्शन से लिखी ! इस
पुस्तक में मुझे कलाम सर ने ऑटो ग्राफ के साथ आशीर्वाद भी दिया!
अब मुझे मेरे काम से
संतोष हैं! मेरे इस एचीवमेंट के लिए में पद्म श्री अनिल गुप्ता सर,डॉ. विजया
शेरीचंद,प्रकल्प हेड अवनीश भंडारी एवं चेतन पटेल के साथ सृष्टि से जुड़े हर किसीका
आज शुक्रिया अदा करता हूँ!
मेरे लिए यह एक जीवनका
सबसे बड़ा गौरवपूर्ण दिन हैं! और मुझे यह गौरव दिलाने वालोको में नम्रता पूर्वक याद
करते हुए आभार व्यक्त करता हूँ...!http://en.wikipedia.org/wiki/A._P._J._Abdul_Kalam
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